महंत नरेंद्र गिरि जी की जीवनी। Mahant Narendra Giri biography in Hindi

महंत नरेंद्र गिरि जी की जीवनी। Mahant Narendra Giri biography in Hindi


Narendra giri biography in hindi

महंत नरेंद्र गिरि जी का जीवन परिचय

$ads={2}

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत स्वामी नरेंद्र गिरी जी अपने बचपन से ही जुझारू प्रवृत्ति के व्यक्ति थे।

अक्टूबर 2019 में महंत नरेंद्र गिरी जी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। नरेंद्र गिरी जी ने अपनी शिक्षा, कक्षा बारहवीं तक पूरी करने के बाद मात्र 18-19 वर्ष की आयु में संन्यास ग्रहण कर लिया था। संन्यास ग्रहण करने के बाद छोटी आयु में ही महंत नरेंद्र गिरी जी धर्म और अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े।

महंत नरेंद्र गिरी जी राम मंदिर आंदोलन से भी लंबे समय तक जुड़े रहे तथा राम मंदिर के आंदोलन को आगे बढ़ाने मे इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वर्ष 2016 में श्रीमहंत नरेंद्र गिरी उज्जैन शहर गए थे तथा वहां के स्थानीय प्रशासन से बड़ी दबंगता से सिंहस्थ क्षेत्र की जमीनों की रक्षा करने के लिए कहा था और सभी अखाड़ों में नया निर्माण करवाकर संतो को  नई सुविधा प्रदान करवाई थी।

$ads={1}

श्रीमहंत नरेंद्र गिरी प्रकृति से बहुत प्रेम करते थे। नरेंद्र गिरी जी ने नदियों के जल स्वच्छ बनाने के लिए बहुत से प्रयास किए। श्री महंत नरेंद्र गिरी जी चाहते थे कि उज्जैन की शिप्रा नदी में प्राकृतिक प्रवाह लौट आए जिससे शिप्रा नदी की स्वच्छता बनी रहे। श्री महंत नरेंद्र गिरि जी के सुझाव पर ही मध्यप्रदेश के वन विभाग ने शिप्रा नदी के किनारे पर पौधारोपण कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

वर्ष 2016 के सिंहस्थ मेले के पहले नरेंद्र गिरि जी उज्जैन नगर के शहरकाजी खलीकुर्रहमान के घर भी गए थे और उन्हें सिंहस्थ मेले में आने का न्यौता भी दिया था।

श्रीमंत नरेंद्र गिरी जी जब अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बने उसके बाद पहली बार शैव और वैष्णव अखाड़ों का शाही स्नान एक साथ हुआ था। इस प्रकार नरेंद्र गिरी जी समाज में सदैव एकजुटता के पक्षधर थे।

अभी तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार नरेंद्र गिरी जी की एक छोटी बहन है जो कि अपने भाई के अंतिम दर्शन करने पश्चिम बंगाल के तितलगढ़ से उत्तर प्रदेश पहुंची है। नरेंद्र गिरी जी की बहन के अनुसार जब से उन्होंने संन्यास लिया था, तब से लेकर अब तक नरेंद्र गिरी जी का अपने परिवार से कोई भी संबंध नहीं रहा है 

महंत नरेंद्र गिरि जी के शिष्यों के साथ जुड़े हुए विवादो की जानकारी

$ads={1}

महंत नरेंद्र गिरी जी के शिष्य आनंद गिरि पर कई प्रकार के आरोप लग चुके हैं।

38 वर्षीय आनंद गिरि उत्तराखंड के निवासी है। आनंद गिरि देश विदेशो में जाकर धर्म,योग और अध्यात्म की शिक्षा दे चुके है।

वर्ष 2016 में रुटी हिल पर स्थित एक घर में पूजा पाठ के दौरान आनंद गिरि पर मारपीट करने के आरोप लग चुके है।

वर्ष 2018 के एक अन्य मामले में 34 वर्षीय महिला के साथ आनंद गिरि पर दुर्व्यवहार करने का आरोप भी लग चुका है।

मई 2021 में महंत नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य आनंद गिरि को अखाड़ा निरंजनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। महंत नरेंद्र गिरि जी ने आनंद गिरि को इसलिए निष्कासित किया था क्योंकि इन्होंने हरिद्वार के कुंभ मेले के दौरान अपने घर में बिना किसी आज्ञा के अपने परिवार को रहने की जगह दी थी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष संत ज्ञानदास से भी नरेंद्र गिरी जी का लंबा विवाद चला। नरेंद्र गिरी जी ने अपनी तरफ से ज्योतिष पीठ के विवाद को सुलझाने की पूरी कोशिश की परंतु बहुत अधिक प्रयास करने पर वह इसमें सफल नहीं हो सके।

आप यह भी पढ़ सकते हैं:-

All Flipkart quiz answers for today

Post a Comment

Previous Post Next Post
DMCA.com Protection Status