जैसलमेर में घूमने की प्रमुख जगह (जैसलमेर के पर्यटक स्थल या दर्शनीय स्थल) । Best places (top tourist places) to see (visit) in Jaisalmer in Hindi
जैसलमेर को राजस्थान की गोल्डन सिटी कहा जाता है और यह राजस्थान के थार मरुस्थल पर स्थित है। जैसलमेर पर्यटको के बीच बहुत ही मशहूर है और यहां हर साल लाखों सैलानी आते हैं। जैसलमेर में आप अलग-अलग प्रकार की एक्टिविटीज का लुत्फ उठा सकते है जैसे Desert सफारी कैंप, quad Biking, कल्चरल नाइट्स, केमल पोलो, हॉर्स रेसिंग और जीप सफारी।
जैसलमेर, जोधपुर से 285 किलोमीटर, जयपुर से 560 किलोमीटर तथा दिल्ली से 825 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जैसलमेर घूमने का सही समय नवंबर और मार्च के मध्य होता है।
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अगर आप जैसलमेर फ्लाइट से आना चाहते हैं तो जयपुर से आपको डायरेक्ट फ्लाइट मिल जाएगी। अन्य किसी शहर से जैसलमेर के लिए डायरेक्ट फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
इसके अलावा ट्रेन के माध्यम से भी आप जैसलमेर पहुंच सकते हैं भारत के सभी प्रमुख शहरों जोधपुर, दिल्ली,जयपुर आदि प्रमुख शहरों से जैसलमेर जुड़ा हुआ है।
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जैसलमेर कैसे घूमे /जैसलमेर ट्रिप(टूर)प्लानिंग/जैसलमेर घूमने के लिए कितने दिन काफी (पर्याप्त) है
How To Visit Jaisalmer in Hindi / Jaisalmer Trip (Tour) Planning in Hindi / How many days are enough to visit Jaisalmer in Hindi/Jaisalmer itinerary in Hindi
अगर आप जैसलमेर अच्छे तरीके से घूमना चाहते हैं तो आप कम से कम 3 दिन का टूर प्लान बनाएं।
जैसलमेर में पहले दिन क्या देखें?
सबसे पहले दिन आप जैसलमेर में पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगह को देख सकते हैं।
जैसे जैसलमेर फोर्ट, पटवों की हवेली, गड़ीसार लेक, जैसलमेर वॉर म्यूजियम और बड़ा बाग।
जैसलमेर यात्रा के दौरान दूसरे दिन देखे जाने वाली जगह
दूसरे दिन आप जैसलमेर के एडवेंचर टूरिज्म का मजा ले सकते हैं। जिसमें आप कैमल सफारी, पैरासेलिंग का आनंद उठा सकते है। शाम को आप डेजर्ट कैंपिंग कर सकते हैं जहां आपको राजस्थानी संस्कृति के कल्चरल डांस और लोकगीत मंत्रमुग्ध कर देंगे, अगर आप चाहें तो आप रात में कैंप में रुक भी सकते हैं।
जैसलमेर यात्रा के तीसरे दिन क्या देखें?
जैसलमेर यात्रा के तीसरे दिन आप यहां की मशहूर जीप सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं इसके अलावा यहां के लोकल मार्केट में घूमकर शॉपिंग कर सकते हैं। यहां के लोकल मार्केट में आपको किस तरह की वस्तुएं मिल सकती है, नीचे पोस्ट में आपको इसकी जानकारी भी मिल जाएगी।
जैसलमेर घूमने के लिए कितना खर्च होगा/जैसलमेर घूमने का खर्च
How much will it cost to visit Jaisalmer in Hindi
जैसलमेर घूमने के लिए नीचे दी गई जानकारी एक बजट ट्रिप के अनुसार दी गई है अगर आप चाहें तो अपने अनुसार बजट को बढ़ा सकते हैं। यह खर्च 2 Adults के अनुसार दिया गया है अगर आप अकेले ही जाते हैं तो इस खर्च को आधा कर सकते हैं।
- जैसलमेर में होटल का खर्च - 1500 Rs/Day
- भोजन का खर्च - 4000 Rs
- Conveyance का खर्च - 2000 Rs
- जैसलमेर में Camping का खर्च - 4000 Rs (2 व्यक्तियों के लिए)
इसके अलावा आप अगर जैसलमेर में जीप सफारी, कैमल सफारी, पैरासेलिंग करना चाहते हैं तो प्रत्येक एक्टिविटी के लिए लगभग 1000 रुपए का खर्चा आता है।
कैमल सफारी में आपको 90 मिनट की यात्रा कराई जाती है तथा यदि आप जीप सफारी करते हैं तो आप को कम से कम 45 किलोमीटर की यात्रा करने को मिलती है।
जैसलमेर के प्रमुख पर्यटक स्थल (दर्शनीय स्थल)
Top tourist places of Jaisalmer
जैसलमेर के प्रमुख पर्यटक स्थल
जैसलमेर फोर्ट
Famous Tourist Place of Jaisalmer - Jaisalmer fort
जैसलमेर फोर्ट का निर्माण 1156 में रावल जैसल द्वारा किया गया था। इस फोर्ट के निर्माण मुख्यतः विशाल बलुआ पत्थरों का प्रयोग किया गया था।
इसके चारों ओर विशाल 99 किलाबंदी मीनारे हैं जो मीलो दूर से दिखाई देती है। सनसेट और सनराइज के समय जैसलमेर फोर्ट गोल्डन नजर आता है।
यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तानी किलो में से एक है जो राजस्थान का दूसरा सबसे पुराना फोर्ट भी है। जैसलमेर फोर्ट दुनिया का सबसे पुराना एकमात्र लिविंग फोर्ट है अर्थात एक फोर्ट या किला जहां राजा का महल, शॉप्स, गलियां, म्यूज़ियम, हवेलियां, मंदिर सभी एक साथ मौजूद हो।
जैसलमेर फोर्ट दुनिया का एकमात्र फोर्ट है जिसकी छत लकड़ी से बनी हुई है और दीवारों पर गोमूत्र का लेप किया गया है।
जैसलमेर किला छोटी सी त्रिभुज आकार की पहाड़ी पर बना हुआ है। जैसलमेर किले में चार विशाल एंट्रेंस गेट है जिनके नाम है अखाई गेट, गणेश गेट , सूर्या गेट और हवा गेट जो उच्चतम क्वालिटी के शीशम यानी रोजवुड लकड़ी से बने हुए हैं।
साथ ही इस फोर्ट के अंदर आप देख सकते है सुंदर राजमहल और म्यूज़ियम, पौराणिक भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित लक्ष्मीनाथ मंदिर।
वहीं आप बहुत ही सुन्दर 12 वीं और 15 वी शताब्दी में निर्मित दिलवाड़ा शैली के 7 जैन टेंपल, जो कि जैनों के 16 वे तीर्थांकर शांतिनाथ और 23वे तीर्थांकर पार्श्वनाथ को समर्पित है, इन्हें भी आप देख सकते हैं।
इस फोर्ट से आप पूरे जैसलमेर शहर का स्काई व्यू देख सकते है और रात में इस किले में लाइटनिंग शो का आनंद भी ले सकते हैं।
जैसलमेर की दर्शनीय हवेलियां
Scenic Havelis of Jaisalmer
जैसलमेर में बहुत सी सुंदर हवेलिया है इस कारण जैसलमेर को हवेली को शहर भी कहा जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख हवेलियां कुछ इस प्रकार है।
1) पटवों की हवेली 2) सलीम सिंह की हवेली 3) नाथमल जी की हवेली
जैसलमेर में स्थित पटवों की हवेली
Patwon ki Haveli located in Jaisalmer
जैसलमेर शहर के मध्य में छोटी-छोटी गलियों के बीच में स्थित इस हवेली का आर्किटेक्चर बहुत दर्शनीय है। इसे 19वीं शताब्दी में एक अमीर व्यापारी ने बनवाया था तथा यह हवेली पांच अलग-अलग हवेलियों का एक समूह है।
पटवों की हवेली अपने खूबसूरत इंटीरियर, सुंदर खिड़कियों, दर्शनीय बालकनी, रॉयल फर्नीचर, अंदर रखी पेंटिंग्स सोने चांदी के आभूषण तथा अद्भुत कलाकृतियों के कारण मशहूर है। हवेली सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक पर्यटको के लिए खुली रहती है। भारतीय पर्यटकों के लिए इसकी एंट्री फीस 20 रुपए है।
जैसलमेर की दर्शनीय सलीम सिंह की हवेली या मोती महल
Beautiful Salim singh haveli in Jaisalmer
इस हवेली का निर्माण 1815 में जैसलमेर के उस समय के प्रधान सलीम सिंह द्वारा किया गया था।
यह प्रसिद्ध है अपनी सुंदर धनुषकार छत, 38 बालकनियों और भव्य मोती महल के लिए। इस सुंदर हवेली के निर्माण में सीमेंट और चुने की जगह लोहे की रॉड का इस्तेमाल किया गया था।
नाथमल जी की हवेली - जैसलमेर
Famous Tourist spot - Nathmal haveli in Jaisalmer
इस हवेली का निर्माण 19वीं सदी में जैसलमेर के प्रधान नाथमल जी के समय दो भाइयों लालू और हाथी के द्वारा किया गया था। इस हवेली का मुख्य आकर्षण यहां की दीवारों और खंभों पर बनाई गई चित्रकारी है जिनमें प्राकृतिक सौंदर्य का चित्रण किया गया है जैसे वनस्पतियां, घोड़े तथा अन्य मवेशी।
यह हवेली दोनों भाइयों के द्वारा बनाई गई आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था के लिए भी जानी जाती है।
जैसलमेर में वोटिंग करने की प्रमुख जगह - गड़ीसर लेक
Best place for boating in Jaisalmer-gadisar lake
इस झील का निर्माण रावल जैसल ने जैसलमेर में पानी के स्त्रोत को निर्मित करने के लिए किया था और बाद में सन 1367 में महारावल गडसी ने इस झील का पुनर्निर्माण करवाया था। यह जैसलमेर में कभी न सूखने वाली जिलों में से एक है।
इस झील को वर्तमान में वर्षा के पानी के अलावा इंदिरा गांधी नहर से भी भरा जाता है। यहां का मुख्य पर्यटक आकर्षण है बोटिंग और फोटोग्राफी है।
जैसलमेर में गड़ीसर झील के अलावा एक और झील है जिसका नाम अमर सागर लेक है। जो जैसलमेर के 7 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यहां झील के अलावा एक भव्य जैन मंदिर और शिव मंदिर है।
जैसलमेर यात्रा में देखिए सैम रेत के टीले (Sam Sand Dunes)
See Sam Sand Dunes during Jaisalmer visit
जैसलमेर शहर के पश्चिम में 25 किलोमीटर की दूरी पर सैम नाम के गांव में रेत के टीले स्थित है जो थार के मरुस्थल को एक्सप्लोर करने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यहां पर आप ऊंट की सवारी, जीप सफारी पैराग्लाइडिंग, सनसेट और सनराइज के सुंदर नजारे और quad biking कर सकते है।
यहां आकर आप सैम रेत के टीलो के सुंदर दृश्य को निहार सकते हैं। अगर आप यहां पर शाम 4 से 7 बजे के बीच में या सुबह 4 से 6 बजे तक सूर्योदय के समय आते हैं तो जो सुंदर दृश्य देखने को मिलता है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
अगर आप यहां पर आते हैं तो आपको एक रात बिताना ही चाहिए। यहां रात को आप कैंपिंग के साथ कल्चरल इवनिंग, ओपन एयर कल्चरल शो, राजस्थानी Folk डांस और सिंगिंग का आनंद ले सकते है।
साथ ही आप यहां के लोकल गांव भी देख सकते हैं जैसे खुरी और कन्होई गांव। यहां पर आप बिल्कुल देसी ठाठ के साथ राजस्थानी गांव का अनुभव ले सकते है।
जैसलमेर का दर्शनीय डेजर्ट नेशनल पार्क
Scenic Desert National Park of Jaisalmer in Hindi
यह राजस्थान का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य है। यह अभयारण्य 3162 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण चारों तरफ से सुखे और रेतीले मरुस्थल से घिरा हुआ है।
यह अभ्यारण प्रसिद्ध है अपने मरुस्थलीय ऊंट, चिंकारा, मरुस्थली बिल्ली, ब्लेकबक्स, विभिन्न Eagle species तथा migrated birds के लिए।
इसके अलावा जैसलमेर के दक्षिण में 17 किलोमीटर की दूरी पर एक जीवाश्म संग्रहालय भी स्थित है। यहां पर 180 मिलीयन वर्ष पुराने जानवर और पेड़ों के जीवाश्म है जो कि अभी कठोर पत्थर के रूप में परिवर्तित हो चुके हैं।
इसके साथ ही यहां पर 16 मिलियन वर्ष पुराने डायनासोर के अवशेष भी है।
जैसलमेर का वीरान कुलधरा गांव
Kuldhara - Abandoned village of jaisalmer in Hindi
कुलधारा गांव जैसलमेर के दक्षिण में 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो 13वी शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों का गांव हुआ करता था जो अचानक अज्ञात कारणों से 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में रातो रात खाली हो गया था।
जिसके पीछे कुछ लोग पानी की आपूर्ति को कारण बताते हैं तो कुछ लोग भूकंप को लेकिन 2010 में इंडियन पैरानॉर्मल की टीम ने यहां कुछ असाधारण गतिविधि का पता लगाया था जिसके बाद से यह जगह भानगढ़ के बाद सबसे डरावनी जगह मानी जाती है।
कुलधारा के पास में ही कैक्टस गार्डन है। इसके अलावा आप कुलधारा से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खाबा फोर्ट भी देख सकते हैं। इसकी कहानी बिल्कुल कुलधारा की तरह ही है यह गांव भी अज्ञात कारणों से रातो रात खाली हो गया था।
जैसलमेर के म्यूजियम
Jaisalmer's museum
A) जैसलमेर वार म्यूजियम
Jaisalmer war museum in Hindi
यह म्यूजियम जैसलमेर से 10 किलोमीटर दूर जोधपुर हाईवे पर स्थित है। यह एक ऐतिहासिक वॉर म्यूजियम है जो कि मुख्यतः 1965 और 1971 में इस्तेमाल किए गए टैंक, guns, टॉप मिलिट्री हथियार और भारतीय सैनिकों के शौर्य को प्रदर्शित करता है।
यहां पर दो बड़े हॉल है।
पहला हॉल इंडियन आर्मी हॉल है जहां पर 1947, 1948, 1965 और 1999 के युद्ध में भारतीय सेना की वीरता को देखा जा सकता है।
दूसरा हॉल लोंगेवाला हॉल है जो कि 1971 की लोंगेवाला युद्ध को प्रदर्शित करता है।
B) जैसलमेर गवर्नमेंट म्यूजियम
Jaisalmer Government museum in Hindi
यहां आप श्री कृष्ण जी के जीवन की पेंटिंग्स, पुराने coins, पुराने बर्तन, वाद्य यंत्र और 12वी शताब्दी की दुर्लभ किराडू की मूर्तियां और जीवाश्म देख सकते हैं।
C) थार हेरिटेज म्यूजियम
Thar Heritage museum in Hindi
यह एक प्राइवेट म्यूजियम है। यहां पर आप प्राचीन समृद्ध राजस्थानी संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला शैली जैसे जैसलमेरी कलाकृतियां, रसोई उपकरण,पुराने औजार और उंटो के कपड़ों को देखने के लिए आ सकते है।
D) डेजर्ट कल्चर सेंटर म्यूजियम
Desert culture centre museum in Hindi
इस म्यूजियम का निर्माण 1997 में एमके शर्मा के द्वारा किया गया था जहां पर आप प्राचीन हैंडीक्राफ्ट्स, शिकार करने वाले हथियार, वाद्य यंत्र और राजस्थानी पगड़िया देख सकते हैं। यहां का मुख्य आकर्षण है पपेट शो यानी पुतलियों का शो है।
लोंगेवाला बैटल फील्ड
Longewala battlefield in Hindi
यह जैसलमेर से 100 किलोमीटर की दूरी पर भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है। यह वही जगह है जहां 4 दिसंबर 1971 की रात को मात्र 100 भारतीय सैनिकों ने 2000 पाकिस्तानी सैनिकों और 60 टैंको को ध्वस्त किया था।
यहां पर आप उस समय पाकिस्तान सेना के तबाह किए गए टैंक और अन्य हथियारों को देख सकते हैं।
साथ ही आप यहां 20 मिनट की लोंगेवाला युद्ध पर बनी वीडियो फिल्म को भी देख सकते हैं। इसके पास हीं भारत पाकिस्तान की सीमा भी स्थित जिसे आप देख सकते है परंतु इसके लिए आपको लोकल अथॉरिटी से परमिशन लेना होगी।
जैसलमेर का चमत्कारिक तनोट माता मंदिर
Tanot Mata mandir in Jaisalmer in Hindi
लोंगेवाला से 35 किलोमीटर और जैसलमेर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है थार की वैष्णो देवी यानी तनोट माता का मंदिर।
इसे भी आप अवश्य देख सकते हैं इस मंदिर को चमत्कारी मंदिर कहा जाता है क्योंकि 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान यहां पर बहुत सारे बम गिराए गए थे फिर भी मंदिर और भारतीय जवान सुरक्षित रहे। इस मंदिर का रखरखाव बीएसएफ के जवान ही करते हैं जहां आप आज भी उस समय के Unexploded Bombs देख सकते हैं।
रामदेवरा मंदिर
Ramdevra temple Jaisalmer in Hindi
जैसलमेर के पोकरण से 10 किलोमीटर की दूरी पर बाबा रामदेवरा का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर सभी धर्मों के लोग पूजा अर्चना करने आते हैं। यहां पास में ही राम सागर तालाब भी स्थित है जिसे आप देख सकते हैं। यहां पर अगस्त महीने की एकादशी को विशाल भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें पूरे भारत से रामदेव जी के भक्त शामिल होते हैं।
लोधरवा गांव का प्रसिद्ध जैन मंदिर
Lodurva village of Jaisalmer -Famous Jain temple
लोधरवा गांव जैसलमेर के उत्तर पश्चिम में 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गांव जैसलमेर शहर की स्थापना से पहले भाटी वंश की राजधानी हुआ करता था। यहां का मुख्य टूरिस्ट आकर्षण यह गांव और जैन टेंपल है।
मंदिर पैलेस (Tazia Tower)
जैसलमेर में स्थित यह खूबसूरत पैलेस पांच मंजिला है।
इसकी ऊंचाई की वजह से इसे बादल महल भी कहा जाता है। इस पैलेस की सबसे ऊपरी मंजिल इस्लामिक शैली से बनी हुई है जो ताजिया टावर के समान है, इसलिए इसे ताजिया टॉवर भी कहा जाता है । वर्तमान में इस पैलेस को हेरिटेज होटल और म्यूजियम में बदल दिया गया है।
जैसलमेर मे घूमने की जगह - बड़ा बाग
Bada bag in Jaisalmer in Hindi
बड़ा बाग जैसलमेर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर विशाल गार्डन तथा एक बांध भी है इसके अलावा चारों और आम के पेड़ है। यहां देखने लायक महाराजाओं की छतरियां हैं। यह जगह अपने सनसेट व्यू और फोटोग्राफी के लिए मशहूर है तथा यहां पर कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है जैसे कच्चे धागे, हम दिल दे चुके सनम और नन्हे जैसलमेर।
जैसलमेर विंड मिल पार्क
Jaisalmer wind mill park in Hindi
यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा विंड एनर्जी उत्पादन करने वाला पार्क है।आपको यहां दूर दूर तक कोई नहीं दिखाई देगा इस वजह से आप शांति से बड़ी-बड़ी पवनचक्कीयाे को देख सकते हैं।
जैसलमेर Desert फेस्टिवल
Jaisalmer desert festival in Hindi
यह फेस्टिवल जनवरी - फरवरी महीने में आयोजित किया जाता है जो रंगीन राजस्थानी लोक संस्कृति का आनंद देता है। इस फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण राजस्थानी लोक गीत,कठपुतलियों का खेल, राजस्थानी लोक नृत्य, कैमल रेसिंग, हॉर्स रेसिंग, केमल पोलो और पगड़ी बांधना है। इस फेस्टिवल में Mr. और Mrs. प्रतियोगिता भी होती है।
जैसलमेर के बाजारो से क्या खरीदें?
What to buy from the markets of Jaisalmer?
यहां के बाजार अपने हैंडीक्राफ्ट्स, चांदी के बर्तन, आभूषण, कठपुतलियां, लकड़ी के बॉक्सेस, मूर्तियां, ऊनी कंबल,सुंदर सूती और रेशमी कपड़े, पेंटिंग्स, मिरर वर्क, जूतियां और मोजडिया और लेदर प्रोडक्ट के लिए मशहूर है।
जैसलमेर के प्रमुख स्ट्रीट फूड
Street food of Jaisalmer in Hindi
यहां का पारंपरिक भोजन राजस्थान के पारम्परिक भोजन के समान ही तेज,चटपटा,तीखा और स्वादिष्ट होता है। जैसे दाल, बाटी, चूरमा, तीखी सब्जी, पराठे, कचोरी, मिर्ची बड़ा आदि। यहां की लस्सी भी बहुत मशहूर है।
इसके अलावा भी जैसलमेर में और भी दर्शनीय स्थल है जैसे पोखरण फोर्ट, एशिया की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड लाइब्रेरी, श्री मोहनगढ़ फोर्ट, रामगढ़ टीवी टावर, पोखरण साल्टलेक, गणेश मंदिर और आशापुरा माता का मंदिर।