हवा महल का इतिहास (हवा महल जयपुर)। Hawa Mahal history in Hindi(Hawa Mahal Jaipur in Hindi)
(Hawa Mahal in Hindi) हवा महल राजपूतों के स्वर्णिम इतिहास तथा अदभुत वास्तुकला एवं महान संस्कृति का प्रतीक है।
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रात के समय हवा महल का सुंदर दृश्य
हवा महल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हवामहल में कोई भी नींव नही है तथा हवामहल इस दुनिया में बिना किसी नींव के बनी सबसे ऊंची इमारत है।
हवा महल क्यों बनवाया गया
Why was Hawa Mahal was built
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हवा महल की बनावट/हवामहल की वास्तुकला
हवा महल को हवा महल क्यो कहते है
Why Hawa Mahal is called Hawa Mahal in hindi
इस महल का नाम हवा महल इसलिए पड़ा क्योंकि इस महल में क्रॉस वेंटिलेशन की बहुत अच्छी सुविधा है। अगर अत्यधिक गर्मी भी हो तब भी हवा महल के अंदर का तापमान कम ही रहता है।
हर एक मंजिल पर बहुत सी खिड़कियां होने की वजह से और हवा का महल के अंदर अच्छा बहाव होने के कारण इसका नाम हवामहल पड़ा।
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि हवा महल की पांचवी मंज़िल पर हवा मंदिर होने से इसका नाम हवा महल पड़ा।
हवा महल अंदर से कैसा है
How is Hawa Mahal from Inside
पहली मंज़िल
उत्सवों को मनाने के लिए हवामहल की पहली मंजिल पर शरद मंदिर का निर्माण किया गया है। यहां पर होली सहित बहुत से त्यौहारों को मनाया जाता था। यहां पर आंगन भी है, इस आंगन के अंदर कुंड बना हुआ है।
इसी कुंड में होली के त्यौहार को राज परिवार द्वारा बहुत धुम धाम से मनाया जाता था।
दूसरी मंज़िल
रतन मंदिर
तीसरी मंज़िल
हवामहल की तीसरी मंजिल को विचित्र मंदिर कहा जाता है।
चौथी मंजिल
हवा महल की चौथी मंजिल को प्रकाश मंदिर कहा जाता है क्योंकि यहां सूर्य का प्रकाश भरपूर मात्रा में आता है। इस मंज़िल पर गोवर्धन कृष्ण भगवान का मंदिर भी है।
पांचवी मंज़िल
पांचवी मंजिल को हवा मंदिर कहा जाता है। इस मंजिल से आप जयपुर शहर का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।प्रताप मंदिर
इसके अलावा भूतल(Ground floor) पर प्रताप मंदिर बना हुआ है। यहां सवाई प्रताप सिंह कविताओं की रचना किया करते थे। इनकी कविताओं का संकलन ब्रजनिधि ग्रंथावली में मौजूद है।
सवाई प्रताप सिंह ने विद्वानों का समूह भी बनाया था जिसे गंधर्व बाईसी कहा जाता था। सवाई प्रताप सिंह के संगीत गुरु चांद खान थे और इनके काव्य गुरु गणपति भारती थे।
सवाई प्रताप सिंह ने अपने शासनकाल में एक बहुत बड़े संगीत सम्मेलन का आयोजन करवाया था और उस सम्मेलन के दौरान एक ग्रंथ की रचना करवाई थी जिसका नाम था राधागोविंद संगीत सार ग्रंथ। इसकी रचना देवर्षि ब्रजपाल भट्ट के द्वारा की गई थी।
इसके अतिरिक्त भूतल पर भोजनशाला भी है जहां पर राज परिवार के लिए भोजन तैयार किया जाता था तथा विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते थे।
हवा महल में प्रवेश करने का कोई सामने से दरवाजा नहीं है। हवामहल में जाने के लिए सिटी पैलेस की तरफ से एक शाही दरवाजा बना हुआ है, यही दरवाजा हवा महल के प्रवेश द्वार की ओर जाता है।
हवा महल में सीढ़ियां क्यो नही है?
Why are there no stairs in hawa mahal
दरअसल चौथी मंजिल तक रानियों की सुविधा के लिए रैंप बनवाया गया था।
रैंप बनवाने के पीछे का कारण यह था कि रानियों की पोशाक बहुत भारी होती थी और उन्हें ऊपर चढ़ने में परेशानी होती थी इसी कारण उस समय चंदन की लकडियो की व्हीलचेयर से रानियां ऊपर जाती थी इन व्हीलचेयर को ऊपर ले जाने के लिए दासिया होती थी।
हवा महल टिकट प्राइस
भारतीय विद्यार्थी (Indian Student) - 5 Rupees
विदेशी पर्यटक - 200 Rupees
यहां आप कंपोजिट टिकट भी ले सकते हैं, जो कि दो दिनों के लिए वैलिड रहती है। कंपोजिट टिकट की कीमत भारतीयों के लिए 300 Rupees एवं विदेशी पर्यटकों के लिए 1000 Ruppes होती है।
कंपोजिट टिकट में आप 8 जगह देख सकते है
- अंबर पैलेस
- नाहरगढ़ फोर्ट
- हवा महल
- अल्बर्ट हाल Museum
- जंतर मंतर
- सिसोदिया गार्डन
- विद्याधर गार्डन
- ईसरलाट (सरगासूली)
हवा महल कब जाए
Best time to visit Hawa Mahal in Hindi
इस समय आप सुहावने मौसम में सुकून से घूम सकते है।
हवा महल के खुलने एवं बंद होने का समय
Hawa Mahal opening and closing time
हवा महल को देखने का समय सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक है। हवा महल को देखने का सही समय सुबह का ही होता क्योंकि सुबह बहुत कम लोग होते है एवं आप सूर्य की सुनहरी रोशनी में हवामहल को आराम से देख सकते हैं।
शुक्रवार को हवा महल का म्यूजियम बंद रहता है, इसलिए आप हवा महल को अन्य दिनों में देखने जाएं।
अगर आप हवा महल को बहुत आराम से और बिना किसी भीड़-भाड़ के देखना चाहते हैं तो आप सुबह जल्दी ही जाएं। आप यदि दिन में पहुंचते है तो आप ज्यादा देर तक हवा महल को रूककर नहीं देख पाएंगे।
हवा महल यात्रा के दौरान ध्यान रखने वाली बाते
- हवा महल में सीढिय़ां नहीं है, चौथी मंजिल तक आपको रैंप ( सीधी चढ़ान) से ही जाना होता है इसलिए अगर आपके साथ बुज़ुर्ग है तो उनका ध्यान रखे इसके साथ ही आरामदायक फुटवियर पहनें।
- हवा महल में अपने साथ पानी की बोतल या कोई ड्रिंक ज़रूर ले जाएं।
- हवा महल ऊपर की मंजिलो पर जाने पर संकरा होता जाता है इसलिए थोड़ी सावधानी रखना ज़रूरी है।
- हवा महल के पास में ही सिटी पैलेस और जंतर मंतर है तो इन्हे देखना भी आप ना भूले।